
मुंगेली – नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सफेद पोश भूमाफियाओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है । इनके कारनामों के किस्से इस हद तक बढ़ गए है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुंगेली जिले के नवगांव–घुटेगा रोड क्षेत्र में एक ही भूखंड को दो बार रजिस्ट्री करने का मामला सामने आया है। इस दोहरी रजिस्ट्री के पीछे स्थानीय स्तर पर राजनीतिक दलों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, इस फर्जीवाड़े में भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेताओं की संदिग्ध भूमिका की चर्चा ज़ोर पकड़ रही है। प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, उक्त ज़मीन का पहला रजिस्ट्रेशन कुछ वर्षों पहले वैध तरीके से किया गया था। लेकिन हाल ही में उसी भूखंड का एक और रजिस्ट्रेशन कर दिया गया — जबकि वह पहले से ही पंजीकृत था। सूत्रों का कहना है कि दूसरे रजिस्ट्रेशन के समय रजिस्ट्री कार्यालय ने न तो मूल दस्तावेजों की गहराई से जांच की, न ही खसरा रिकॉर्ड से मिलान किया।
रजिस्ट्री कार्यालय पर उठे सवाल : स्थानीय लोगों और जानकार सूत्रों ने बताया कि रजिस्ट्री कार्यालय में बैठे कुछ कर्मचारी और अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें राजनीतिक दबाव के चलते जानबूझकर दस्तावेजों की अनदेखी करनी पड़ी।
राजनीतिक गठजोड़ की चर्चा : इस मामले में एक ओर जहां स्थानीय प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की भूमि धोखाधड़ी बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है। सूत्रों की मानें तो दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के स्थानीय प्रतिनिधियों के नाम फाइलों में दर्ज हैं, और जांच में यह स्पष्ट हो सकता है कि किसने इस रजिस्ट्री को पास करवाया।